दिल्ली 13/12/021
राष्ट्रहित तथा समाज हित में आज “जनसंख्या नियंत्रण कानून” बनाने की नियतांत आवश्यकता है। उक्ताशय की मांग सांसद अरुण साव ने लोकसभा में की। सांसद अरुण साव ने लोकसभा में शून्य काल के दौरान “जनसंख्या नियंत्रण कानून” बनाने का मुद्दा उठाया। सांसद अरुण साव ने लोकसभा में शून्य काल के दौरान बोलते हुए कहा कि जनसंख्या नीति का संबंध प्रत्येक नागरिक के जीवन में खुशहाली एवं समृद्धि लाने से है। जहां भी जनसंख्या नियंत्रित करने के प्रयास हुए हैं, वहां विकास की गति बढ़ी है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सभी राजनीतिक दल, जाति, मजहब व संप्रदाय की राजनीति से आगे बढ़कर राष्ट्रहित तथा समाज हित में “जनसंख्या नियंत्रण कानून” बनाने के लिए आगे आयें । आगे श्री साव ने कहा कि कानून बनाकर जनसंख्या नियंत्रित करने से देश की जनता को प्रदुषण, खराब सेहत, बेरोजगारी, अशिक्षा आदि समस्याओं से निजात मिल सकेगा। देश में भौतिक संसाधन सीमित हैं,
और जनसंख्या असीमित है। आने वाले 10-12 साल में हमारी जनसंख्या 150 करोड़ से अधिक हो जाएगी। 1857 में भारत का क्षेत्रफल 83 लाख वर्ग किलोमीटर था। तब हमारी जनसंख्या 35 करोड़ थी। अब दुनियां की 18 प्रतिशत जनसंख्या हमारे देश में निवास करती है, जबकि यहां जमीन 2.4%, पीने का पानी 4% और वन 2.4% है। यह आंकड़ें चिंता पैदा करने वाले हैं। लोगों को आबादी नियंत्रित करने के महत्व को समझना चाहिए, क्योंकि यह न केवल उन्हें स्वच्छ-स्वस्थ वातावरण तथा बेहतर जीवन स्तर प्रदान करेगा, बल्कि अपने देश के समग्र विकास में भी मदद करेगा। इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए समाज और सरकार को एक साथ काम करने की आवश्यकता है। अगर जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में लोगों को आवास की दिक्कत भी हो सकती हैं। इस प्रकार से “जनसंख्या नियंत्रण कानून” बनाया जाना आज आवश्यक हो गया है ।
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