गंगा दशहरा आज ही के दिन माँ गंगा पृथ्वी पर अवतरण हुआ..

गंगा दशहरा आज ही के दिन माँ गंगा पृथ्वी पर अवतरण हुआ..

रायपुर। : पौराणिक मान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि के दिन माता गंगा का अवतरण पृथ्वी पर हुआ था। इसे गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गंगाजी में स्नान करने का महत्व है। रविवार को गंगा दशहरा पर श्रद्धालु अपने घर पर ही गंगाजल युक्त पानी से स्नान करेंगे।

ज्योतिषाचार्य डॉ. विनीत शर्मा के अनुसार यह भी मान्यता है कि राजा भागीरथ के प्रयास से माता गंगा इस धरती पर आई थी। उनके वेग को नियंत्रित करने के लिए भगवान शिव ने अपनी जटाओं में उन्हें धारण कर लिया था। इसके पश्चात धरती पर गंगाजी ने भागीरथ के पूर्वजों की अस्थियों को अपने में समाहित करके मोक्ष दिलाया था।

गंगा दशहरा पर गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। मगर, वर्तमान में कोरोना की लहर को देखते हुए श्रद्धालु घर पर ही गंगाजल की बूंदों को मिलाकर स्नान करें। साथ ही घर में गंगाजल का छिड़काव करें। मां गंगा की पूजा करते समय 10 फूल, 10 फल, और 10 तरह की चीजों से उपासना और प्रार्थना करें।

गंगा चालीसा पढ़कर गंगाजी की आरती करें। यह भी मान्यता है कि गंगाजी में स्नान करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। बताते चलें कि इस बार कोरोना काल को देखते हुए हरिद्वार में भी श्रद्धालुओं को गंगाजी में आकर स्नान न करने की सलाह दी गई है। अभी कोरोना का प्रकोप खत्म नहीं हुआ है, तीसरी लहर के आने की भी आशंका है, लिहाजा लोग कोरोना को लेकर दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें और सावधानी बरतें।

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