अगले 24 घण्टे में भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग का येलो अलर्ट..

अगले 24 घण्टे में भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग का येलो अलर्ट..

रायपुर : – 24/06/021भारत मौसम विज्ञान विभाग ने छत्तीसगढ़ में अगले 24 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. मौसम विभाग ने प्रदेश के 15 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है. आईएमडी के अधिकारियों ने बताया कि मानसून दक्षिण बिहार से दक्षिण छत्तीसगढ़ तक 3.1 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक एक द्रोणिका स्थित है. जिसके कारण प्रदेश में भारी बारिश भारी बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिर सकती है.

राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में मंगलवार की रात लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है. बुधवार सुबह से रायपुर में भी रुक रुक कर लगातार बारिश देखने को मिल रही है. बारिश की वजह से उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली है. मौसम विभाग ने बारिश को लेकर छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. प्रदेश के सरगुजा, जशपुर, बलरामपुर, कोरिया, सूरजपुर, कोरबा, बेमेतरा, मुंगेली, कवर्धा, रायपुर, बिलासपुर, धमतरी, दुर्ग, राजनादगांव और गरियाबंद में गरज चमक के साथ भारी बारिश होने और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई है.मौसम विभाग के मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि एक द्रोणिका दक्षिण पश्चिम विहार से दक्षिण छत्तीसगढ़ तक 3.1 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा दक्षिण पश्चिम बिहार और उससे लगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. द्रोणिका मध्य समुद्र तल पर उत्तर पंजाब से हरियाणा पश्चिमी उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड गंगेटिक पश्चिम बंगाल होते हुए उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक स्थित है.

सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश में हो रही लगातार बारिश को देखते हुए संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव के उपायों की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को दिए हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति में किसी भी तरह की विपरित परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी सतर्कता रखी जाए. लोगों के बचाव और उन्हें राहत पहुंचाने की सभी तैयारी भी रखी जाए. सीएम ने निचले और संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों में आपदा प्रबंधन दल को मुस्तैद रखने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा है कि आवश्यकता पड़ने पर प्रभावितों को तत्काल आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाए. नदी नालों के जल स्तर पर लगातार निगरानी रखी जाए. इसकी जानकारी नियमित रूप से कंट्रोल रूम में दी जाए. जहां भी बाढ़ की स्थिति निर्मित हो सकती है वहां पूर्व से ही आवश्यक सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाए.

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