डॉ. मनीष राय ने अभिभावको की समस्या को शिकायत पत्र के साथ जिला शिक्षाधिकारी को सौंपा।

डॉ. मनीष राय ने अभिभावको की समस्या को शिकायत पत्र के साथ जिला शिक्षाधिकारी को सौंपा।

रिपोर्टर राकेश खरे

बिलासपुर

30/06/2022

डॉ. मनीष राय ने अभिभावको की समस्या को शिकायत पत्र के साथ जिला शिक्षाधिकारी को सौंपा
शिक्षा का सत्र 2022 से 23 छत्तीसगढ़ प्रदेश में प्रारंभ हो चुका है और पिछले 2 वर्षों की तुलना में स्कूलों में उपस्थिति लगभग 90 से 95% होने लगी है |माता पिता और अभिभावकों को अपने बच्चों के यूनिफॉर्म किताबें और कॉपियों की चिंता सताने लगी है |तो दूसरी तरफ बिचौलियों की तरह काम करने वाले प्राचार्य और दुकानदार आपस में सांठगांठ करके अभिभावकों और माता पिता की परवाह न करते हुए प्रशासन की लापरवाही के चलते जेब भरने में व्यस्त हैं |ऐसा ही एक मामला जिला बिलासपुर मे देखने को मिल रहा है |लगभग सभी स्कूलों के छात्र-छात्राएं एवं अभिभावकगण ,गोल बाजार के पास एक दुकान लवली ड्रेसेस और तेलीपारा के इंडियन ड्रेसेस में टोकन लेकर घंटों इंतजार करते देखे जा सकते हैं !अब प्रश्न यह उठता है कि सभी स्कूलों के प्राचार्य को क्या इस दुकानदार ने इतना अधिक कमीशन दे दिया है ? जिससे प्राचार्य और जिले के शिक्षा अधिकारी मौन सहमति देकर इस दुकान को ही इकलौती यूनिफॉर्म बेचने वाली दुकान बना दिये है |अगर ऐसा है तो यह भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा मामला है |यूनिफॉर्म के मूल्यों में ना ही कोई छूट और ना ही बहुत अधिक गुणवत्ता मगर फिर भी लवली ड्रेसेस और इंडियन ड्रेसेस ही क्यों ? यह प्रश्न सभी अभिभावकों और आम जनता के मन में कौतूहल का विषय है |मगर जीवन की आपाधापी में और बच्चों का मुंह देख कर अभिभावक जिला प्रशासन के पास शिकायत लेकर भी नहीं जा पा रहे हैं |यही कारण है कि जब सारे मामले की जानकारी समाजसेवी और शिक्षाविद डॉ. मनीष राय, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री, दुर्घटनामुक्त भारत को लगी ,तब मनीष राय ने खुद जाकर मामले को देखा और पाया कि मेरे ही परिवार को सदस्य को एक ही यूनिफार्म लेने में 3.30 घंटे का समय लग गया और टोकन नंबर 102 दिया गया था | अब आप समझ सकते हैं कि बिलासपुर में जिला शिक्षा विभाग ,किस तरह आंखें मूंदे बैठा हुआ है | जिससे अभिभावकों को खासी परेशानी हो रही है | मनीष राय ने शिकायत पत्र में लिखा है कि तत्काल इस पर कार्यवाही करते हुए सारे प्राचार्य को नोटिस देकर बुलाया जाए और शपथ पत्र लिया जाए कि, अगर आप के स्कूलों से सिर्फ एक दुकान का नाम घोषित किया जाता है तो दंड स्वरूप आपके स्कूलों पर जुर्माने के साथ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी |तभी शायद छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों के साथ शिक्षा के स्तर को उठाने हेतु हम सही तरह से न्याय कर पाएंगे | ऐसे ही कोई विशेष दुकान किताब और कापी के लिए भी नही होनी चाहिए , सभी अभिभावको को कही से भी खरीदने की स्वतंत्रता होनी चाहिए | इस तरह के भ्रष्टाचार को तत्काल रोक लगाने की मांग डॉ. मनीष राय ने स्कूल शिक्षा सचिव ,एस. भारतीदासन और शिक्षा अधिकारी डी. के. कौशिक,बिलासपुर से की है |

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