पी.एस. मिश्रा एसईसीएल सी एम डी का प्रभार लिया..

पी.एस. मिश्रा एसईसीएल सी एम डी का प्रभार लिया..

बिलासपुर 01/02/2022

कोल इंडिया की महत्वपूर्ण कंपनी और मिनी रत्न कहे जाने वाले एसईसीएल के सीएमडी के रूप में प्रेम सागर मिश्रा ने मंगलवार को पदभार ग्रहण किया।

कर्मियों की पदोन्नति व इन्सेन्टिव स्कीम नए वर्ष में कम्पनी ने लगभग 3 हजार से अधिक कर्मचारियों की पदोन्नति का आदेश जारी किया है। विभागीय चयन प्रक्रिया के जरिए भी कर्मचारियों के लिए बेहतर कैरियर संभावनाएँ प्रदान की जा रही हैं।
कर्मचारियों के लिए कम्पनी में इन्सेन्टिव योजना व स्पाट इन्सेन्टिव स्कीम संचालित हो रही है जिसके अंतर्गत बेहतर कार्यनिष्पादन करने वाले कॉलरी कर्मियों को लाभ दिया जा रहा है।


सीएसआर गतिविधियाँ

कोरोना काल में सीएसआर गतिविधियों के जरिए एसईसीएल ने अपने आसपास के समाज तथा प्रशासन को यथासंभव सहयोग प्रदान किया है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कम्पनी ने, कोविड अनुकूल व्यवहार को बढ़ावा देते हुए बड़ी संख्या में मास्क एवं सेनेटाईजर वितरित किए हैं। संचालन क्षेत्रों में 17 कोविड केयर सेन्टर का संचालन किया गया है जिनमें हल्के व मध्यम श्रेणी के मरीजों के लिए चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध थीं। कम्पनी के कोरबा तथा कोरिया जिले में अवस्थित कुल 4 अस्पताल, राज्य शासन के साथ मिलकर कोविड के ईलाज की दिशा में काम कर रहे थे। सिम्स, बिलासपुर में 200 बेडेड कोविड वार्ड की स्थापना, आरटीपीसीआर टेस्टिंग मशीन प्रदाय करना, बिलासपुर जिला अस्पताल में एक्सक्लूसिव कोविड वार्ड की स्थापना गव्हर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में 100 बेडेड कोविड व 40 बेडेड आईसीयू जिला अस्पताल बैकुण्ठपुर में 128 स्लाईस सीटी स्केन मशीन, सीपेट सयाहीमुडी कोरबा में कोविड हॉस्प्टिल को 1,000 बेडेड के रूप में अपग्रेड करने के लिए तथा मध्यप्रदेश राज्य में 2 आक्सीजन प्लांट व 15 एक्सरे मशीन आदि कार्यों के लिए सीएसआर से वित्तीय सहयोग प्रदान किया गया है। कोविड के दौरान कम्पनी द्वारा ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर, लाईफ सेविंग ड्रग्स, ऑक्सीजन सिलेण्डर से लेकर पीपीई किट, थर्मल स्केनर एवं पल्स ऑक्सीमीटर के लिए, इस मद से वित्तीय सहायता दी गयी है। कोविड टीकाकरण की दिशा में एसईसीएल उल्लेखनीय कार्य कर रही है। एसईसीएल के कोविड टीकाकरण केन्द्रों पर 1.50 लाख से अधिक कोविड डोज लगाए जा चुके
हैं। संचालन के जिलों में एसईसीएल कुल 39 वेक्सिनेशन सेन्टर संचालित कर रही है।


*भविष्य के लिए विकासात्मक कार्य एसईसीएल ने समग्र रूप से इस वर्ष पूँजीगत व्यय का 4675 करोड लक्ष्य निर्धारित किया है जो कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ-साथ इकॉनॉमी में लिक्विडिटी इन्फ्यूज (Liquidity Infuse) करने में भी सहायक होंगे। इसके अंतर्गत कम्पनी की स्टेट ऑफ दी आर्ट फर्स्ट माईल कनेक्टिीविटी परियोजनाएँ विकसित की जा रही हैं। इनमें कुसमुण्डा खदान में कोल डिस्पैच के उद्देश्य से 20 हजार टन क्षमता के आरसीसी बकरगुक्त कोल हैण्डलिंग प्लांट एवं 40 एमटीबाई क्षमता के 4 साईलोयुक्त सीएचपी की कमिशनिंग की जा चुकी है। गेदरा, दीपका, मानिकपुर, बरौद, छाल में रैपिड लोडिंग सिस्टम, इनपिट कन्वेयर, सर्ज बिन्स, बंकर तथा रेल लिंकेज से युक्त साईनो की स्थापना से भविष्य में इन क्षेत्रों से प्रस्तावित बड़े उत्पादन को डिस्पैच करने में सहुलियत होगी एफएमसी की इको फ्रेण्डली परियोजनाओं के जरिए कम्पनी की खदानों से 9 6 अतिरिक्त रूप से 80 से 70 मिलियन टन कोयले के डिस्पैच की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

  • सोलर परियोजना
  • एसईसीएल सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी निवेश कर रही है। भटगांव एवं विश्रामपुर क्षेत्र के चिन्हित भूमि पर 40 मेगावाट परियोजना के स्थापना की दिशा में हम तेजी से काम कर रहे हैं तथा इस परियोजना हेतु लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) जारी कर दिया गया है। कम्पनी विभिन्न क्षेत्रों में 2 हजार किलोवाट क्षमता के रूफटॉप सोलर पैनल के स्थापना के लिए भी अनुबंध फाईनल कर चुकी है। इन सबके अतिरिक्त ऊर्जा संरक्षण के लिहाज से परम्परागत बल्ब के स्थान पर 40 हजार एलईडी लाईट्स 10 हजार से अधिक सुपर फैन, कम ऊर्जा खपत वाले 150 एसी. मोटर आदि क्रय किए जा रहे हैं तथा विभिन्न एरिया में चार्जिंग स्टेशन की सुविधा सहित इलेक्ट्रिक व्हीकल के उपयोग की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
  • *रेल कॉरीडोर :
    कोल डिस्पैच के लिए तेजी से विकसित हो रही एसईसीएल की रेल कॉरीडोर परियोजनाएँ कंपनी व अंचल के लिए प्रगति के नए द्वार खोलेंगी। गत 15 नवंबर को छत्तीसगढ़ ईस्ट रेल लिमिटेड के घरघोडा फ्रेट टर्मिनल से पहला कोल बैंक लोड किया गया। इसके अतिरिक्त कोरीछापर से धर्मजयगढ़ लाईन के बीच इंजन रोलिंग हो चुकी है तथा धर्मजयगढ़ को गुड्स शेड के रूप में अधिसूचित किया जा चुका है इन सबसे निश्चय ही मांड-रायगढ़ कोलफील्ड्स से कोयले के डिस्पैच को सतान मिलेगी।
    सितम्बर 2022 तक इसी रेल कॉरीडोर के घरघोड़ा पेल्मा स्पर (Spur) लाईन की कमिशनिंग अपेक्षित है. वहीं छाल और बरौद फीडर लाईन पर भी तेजी से काम हो रहा है। गेवरा-पेन्द्रा रोड की 135 किलोमीटर लम्बी ईस्ट-वेस्ट रेल कॉरीडोर के विभिन्न सिविल कार्यों पर भी कार्य आरंभ हो चुका है।
    *पर्यावरण :हरित पर्यावरण की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अगस्त माह में एसईसीएल मुख्यालय सहित सभी क्षेत्रों में वृक्षारोपण महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें कंपनी के विभिन्न क्षेत्रों में 1 लाख से अधिक पौधरोपण सम्पन्न हुआ तथा लगभग 35 हजार पौधे वितरित किए गए। समेकित रूप से एसईसीएल वर्ष 2021-22 में 300 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 75 लाख पौधरोपण का लक्ष्य पूर्ण कर चुकी है।
    *सुरक्षा एवं बचाव : कंपनी अपने कामगार बन्धुओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। खनिक कानगारों को एससीएसआर (सेल्फ फटेन्ड, सेल्फ रेस्क्युअर) किट, एलईडी कैप लैम्प की सुविधा प्रदान की गयी है। बड़ी खदानों में स्लोप स्टैबलिटी रहार की व्यवस्था शुरू की गयी है जो डम्प एवं ढलान की स्थिरता का निरंतर ऑकलन करते रहते हैं। हम सभी का यह दायित्व हैं कि सुरक्षा मानकों का पूर्णरूपेण पालन करते हुए ही अपना कार्य सम्पादित करें।
  • भूमिगत खदान की टेक्नॉलॉजी कान्टिन्यूअस माईनर कंपनी ने एमडीओ मोड़ पर खदानों के संचालन की दिशा में भी पहल की है तथा इस आधार पर पेलमा (15 एमटीवाई) मदन नगर (12 एमटीवाई) दुर्गापुर (6 एमटीवाई) तथा केतकी (0.87 एमटीवाई) कार्यान्वयन के अधीन हैं नई तकनीक का विस्तार करते हुए इसदैव क्षेत्र के बेहराबांध एवं विश्रामपुर क्षेत्र के गायत्री भूमिगत खदान में कान्टिन्यूअस माईनर लगायी जा रही है।
  • ठेका मजदूरों एवं आश्रित बच्चों को प्रोत्साहन : कान्ट्रेक्टर वर्कर्स के लिए कोलइण्डिया इन्डिविजूवल प्रोडक्टिविटी इम्प्रूवमेंट स्कीम के अंतर्गत स्पॉट रिवार्ड स्कीम चलायी जा रही है, जिसके तहत नियमित रूप से उत्तम कार्य करने वाले ठेका कामगारों को पुरस्कार दिया जाता है। इस वित्तीय वर्ष में कम्पनी ने आईआईटी, एनआईटी तथा गव्हर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं गव्हर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले हमारे कर्मचारियों के लगभग 150 मेधावी बच्चों की ट्यूशन व हॉस्टल चार्ज की प्रतिपूर्ति की है।
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