प्रदेश में पंडो समाज बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहा..                    छत्तीसगढ़ में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र भी सुरक्षित नही :नेता प्रतिपक्ष कौशिक

प्रदेश में पंडो समाज बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहा.. छत्तीसगढ़ में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र भी सुरक्षित नही :नेता प्रतिपक्ष कौशिक

बिलासपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो जनजाति समाज के सदस्यों के लगातार हो रही मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस समाज के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार को अपनी महत्ती भूमिका निभानी चाहिए वह समाज अपनी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहा है जो बेहद ही चिंताजनक है। इन 40 दिनों में प्रदेश में पंडो समाज के करीब 20 लोगों की मौत हुई हैं। औसतन हर दूसरे दिन एक व्यक्ति की मौत यह साबित करता है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार इनके संरक्षण के लिए संवेदनशील नहीं है। उन्होंने कहा कि विशेष संरक्षित इस जनजाति के लोगों की कुपोषण व अन्य स्वास्थ्य कारणों से लगातार मौतें हो रही है लेकिन प्रदेश की सरकार पंडो जनजाति की संरक्षण, सवंर्धन व बेहतर स्वास्थ्य के लिए कुछ भी नहीं कर रही है। इस कारण हालत लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश में 2009-10 के सर्वे के मुताबिक करीब 31,814 पंडो जनजाति समाज के सदस्य व सरगुजा संभाग के 11 ब्लाॅक में करीब 6,746 पंडो परिवार निवासरत है। जिनकी समुचित विकास की जिम्मेदारी प्रदेश की सरकार की है, लेकिन प्रदेश की सरकार अपने इन जवाबदारियों से लगातार बचती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पंडो समाज के समग्र विकास के लिए पंडो विकास अभिकरण भी बनाया गया है। इन सबके बाद भी पंडो समाज के लोगों की लगातार मौतें कई सवालों को जन्म देता है। बलरामपुर जिले के चंद्रपुर में पिछले 20 दिनों में 10 पंडो जनजाति सदस्यों की मौत का आंकड़ा सामने आया है। यह अधिक भी हो सकता है जिस पर प्रशासन पर्दा डालने में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी पंडो समाज के लोगों की सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल उठते रहे हैं। बलरामपुर जिले के डिंडो पुलिस चैकी में पेड़ पर बांध कर पंडो समाज के लोगों की दबंगों द्वारा बेरहमी से पिटाई की गई थी जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद मामला सामने आया है। वहीं हाल ही में पंडो समाज की एक 4 वर्षीय बच्ची की मौत बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारण हो जाती है।

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि विशेष संरक्षित पंडो जनजाति समाज के 60 वर्षीय महिला मनकुवंर पंडो की मौत उचित ईलाज नहीं मिलने से हो जाती है। वहीं रामानुजगंज के चंद्रपुर थाना के दोलंगी गांव के लखन पंडो व उनके पुत्र दिनेश पंडो, उपेन्द्र पंडो की मौत अज्ञात बीमारी के चलते हो जाती है। इन सबके बाद भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार पंडो समाज की जरा भी चिंता नहीं कर रही है। इसके अलावा इस समाज के युवकों को रोजगार के लिए छत्तीसगढ़ छोड़ अन्य राज्यों में जाना पड़ रहा है और प्रदेश की सरकार कागजों में रोजगार बढ़ोतरी का दावा कर वाहवाही लूटने में लगी हुई है। चंद्रपुर के ही ग्राम कुर्लुडीह के एक युवक संदीप पंडो को दो वक्त की रोटी के लिए केरल जाना पड़ता है और उसकी वहां अचानक मौत हो जाती है। इस घटना से युवक का परिवार पूरी तरह से विचलित है। इससे स्पष्ट होता है कि प्रदेश सरकार कहीं भी पंडो समाज के लोगों के उत्थान के लिए जरा भी चिंतित नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों की वर्तमान हालत क्या है इसकी पूरी जानकारी लेकर तत्काल संरक्षित समाज के मदद के लिए उचित कदम उठाना चाहिए ताकि यह संरक्षित समाज को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हो सके।

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