वैक्‍सीन की बर्बादी देश में छत्तीसगढ़ दूसरे नम्बर पर रहा 30.2 फीसदी की..

वैक्‍सीन की बर्बादी देश में छत्तीसगढ़ दूसरे नम्बर पर रहा 30.2 फीसदी की..

दिल्ली28/05/021देशभर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए अब राज्‍यों ने वैक्‍सीनेशन पर जोर देना शुरू कर दि‍या है. केंद्र सरकार ने राज्‍यों से टीकाकरण की गति तेज करने पर ज़ोर दिया है. आपको बता दें क‍ि केंद्र ने राज्यों के साथ टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की और इस बैठक की अध्‍यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने की. इस बैठक में वैक्सीन की बर्बादी पर भी चर्चा की गई. इस चर्चा में सामने आया क‍ि सबसे अधिक झारखंड में 37.3 फीसदी वैक्सीन की बर्बादी होती है.

इसके बाद छत्तीसगढ़ का नंबर आता है, यहां पर 30.2 फीसदी वैक्‍सीन की बर्बादी होती है. इसमें तमिलनाडु तीसरे नंबर पर है, जहां 15.5 फीसदी, चौथे पायदान पर जम्मू-कश्मीर जहां 10.8 फीसदी और पांचवें पायदान में मध्‍य प्रदेश आता है, जहां 10.7 फीसदी टीकों की बर्बादी होती है.केन्‍द्र सरकार की वैक्‍सीन की बर्बादी की चर्चा में यह बात भी सामने आई क‍ि राष्ट्रीय औसत 6.3 फीसदी है. इस बैठक में वैक्सीन निर्माताओं से संपर्क में बने रहने के लिए 2-3 सदस्यों की टीम का गठन करने की बात भी कही गई. वहीं स्पुतनिक वैक्सीन को कोव‍िन पोर्टल में शामिल किया गया है. इतना ही नहीं केन्‍द्र सरकार अब बिना पहचान पत्र वालों के लिए वैक्सीन के विशेष सत्र का आयोजन करने जा रहा है. अब कोव‍िन पर वैक्सीन की अपॉइंटमेंट अब रद्द करने की ज़रूरत नहीं होगी बल्‍क‍ि उसमें रिशेड्यूल करने का प्रावधान शाम‍िल क‍िया जाएगा.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 टीके की 1.77 करोड़ से अधिक खुराक अब भी उपलब्ध हैं जबकि सात लाख खुराक उन्हें अगले तीन दिनों के भीतर प्राप्त हो जाएगी. भारत सरकार अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की 21.89 करोड़ से अधिक खुराक उपलब्ध करा चुकी है.

मंगलवार को सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इनमें से कुल खपत, बर्बादी सहित, 19,93,39,750 खुराक है. मंत्रालय ने कहा, ‘राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 टीके की 1.77 करोड़ से अधिक (1,77,67,850) खुराक अभी भी उपलब्ध हैं। जबकि सात लाख खुराक उन्हें अगले तीन दिनों के भीतर प्राप्त हो जाएगी.’ राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत, केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके मुफ्त में उपलब्ध करा रही है. इसके अलावा, सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा टीकों की प्रत्यक्ष खरीद की सुविधा भी देती रही है.

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