उत्तरप्रदेश से यात्रा कर पामगढ़ के “कोसला” गांव पहुंचा एक संत..कोसला गांव को कौशल्या की जन्मभूमि होने का किया दावा..

उत्तरप्रदेश से यात्रा कर पामगढ़ के “कोसला” गांव पहुंचा एक संत..
कोसला गांव को कौशल्या की जन्मभूमि होने का किया दावा..

पामगढ़/जांजगीर-चांपा (छ.ग)

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से यात्रा करते हुए एक संत जिनका नाम श्री राधेश्याम पांडे जी है वे जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ ब्लाक के ग्राम कोसला पहुंचे, यह गांव श्री राम जी की मां याने माता कौशल्या देवी की जन्मभूमि है एैसा उन्होंने दावा भी किया।

गांव के लोगों ने उन संत का खुशी से स्वागत सत्कार किया, और मंदिर दर्शन कराने ले गए।

आपको बता दें कि पामगढ़ से 7 किलोमीटर दूरी पर कोसला गांव स्थित है, यहां कई वर्षों से माता कौशल्या देवी की एक भव्य मंदिर स्थापित भी है।

कई सौ किलोमीटर की यात्रा करके आने वाले इन संत की भक्ति भाव को देखकर कोसला गांव के लोगों में यह विश्वास बैठ गया है कि “कोसला” ही माता कौशल्या की वास्तविक जन्मभूमि है,,,

संत राधेश्याम पांडे ने दावा किया कि यह क्षेत्र इतिहास में दक्षिण कौशल नाम से जाना जाता था, जिसके राजा महराज भानुमंत हुआ करते थे और उनकी पुत्री का नाम “कौशल्या” था, इस कारण इस गांव का नाम भी “कौशल्या” से “कोसला” पड़ा।

साथ ही उन्होंने बताया कि वे सन् 1980 में उत्तर प्रदेश से सायकिल यात्रा करते हुए इस गांव में एक बार और आ चुके हैं।

तब यह मंदिर का स्थान एक गढ़ के समान अर्थात राजा महाराजाओं के क़िले के समान दिखाई देता था।

संत श्री राधेश्याम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को कोसला गांव को कौशल्या जन्मभूमि के नाम से दर्जा देना चाहिए, राज्य सरकार इस गांव को “श्री राम वन गमन परिपथ” में शामिल करें, ताकि यह गांव एक तिरथ के रूप में प्रसिद्ध हो सके।

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